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हिंसा के पीड़ित थे वानी

इन अल्पसंख्यकों में से अधिकांश काबुल, ग़ज़नी, हेलमंद, ख़ोस्त और नंगरहार सूबों में रहते हैं.
लेकिन केवल हेलमंद, काबुल और नंगरहार में अल्पसख्यक समुदाय के 1100 वोटरों ने वोट देने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है.
नरिंदर सिंह पूरे अफ़ग़ानिस्तान में इन दोनों समुदायों के एक मात्र प्रत्याशी हैं, इसलिए वे निर्विरोध चुने जाएंगे.
अब जब कि उनके सामने कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं है, इसलिए चुनाव प्रचार का कोई ख़ास इंतज़ाम भी नहीं किया है.
नरिंदर सिंह कहते हैं, "मैं भी चाहता हूं कि चुनाव प्रचार करूं और अपने लोगों से मिलूं, लेकिन सुरक्षा कारणों से ऐसा नहीं कर सकता."
हिंदू और सिख अल्पसंख्यक अफ़ग़ानिस्तान में राजनीतिक और सामाजिक भेदभाव का शिकार रहे हैं.
सत्तर के दशक में इनकी एक बड़ी संख्या देश छोड़कर चली गई. लेकिन अवतार सिंह खलसा ने बीबीसी को बताया था कि तालिबान के समय लगभग दो हज़ार हिंदू दोबारा अफ़ग़ानिस्तान लौट आए थे.
नरिंदर सिंह का कहना है, "अब जब कि मैं संसद का सदस्य बन गया हूं तो हिंदुओं की हड़प ली गई संपत्ति वापस कराने और इन लोगों की अन्य सहायता के लिए हर तरह से कोशिश करूंगा."
"सिख और हिंदू अफ़ग़ानिस्तान में सदियों से उपेक्षा के शिकार रहे हैं और उनकी कोशीश होगी कि ये लोग भी मुल्क के अन्य नागरिकों की तरह सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाएं."
इससे पहले सिखों और हिंदुओं का अफ़ग़ानिस्तान के संसद में कोई प्रतिनिधि नहीं होता था.
केवल दोनों समुदयों का एक प्रतिनिधि सीनेट में होता था.
नरिंदर सिंह अल्पसंख्यकों के पहले प्रतिनिधि होंगे जो 'वलसी जिरगा' में दोनों समुदायों का प्रतिनिधित्व करेंगे.
ये क़ानून अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई के समय पारित किया गया था, जिसके कारण आज अफ़ग़ानिस्तान में सिख और हिंदू अल्पसख्यकों को ये हक हासिल हुआ है.
अफ़ग़ानिस्तान की मजलिस (संसद) की 250 सीटों के लिए 20 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे.
सऊदी अरब ने सोमवार को कहा है कि वह भारत की बढ़ती तेल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध और तैयार है.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ दिल्ली में आयोजित इंडिया एनर्जी फ़ोरम में बोलते हुए सऊदी के तेल मंत्री ख़ालिद-अल-फ़लीह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में भारत में व्यापार करना आसान हुआ है.
भारत को उभरती हुई विश्व शक्ति बताते हुए उन्होंने कहा कि ईरान पर प्रतिबंधों के चलते यदि भारत की तेल ज़रूरतों में कोई रुकावट आई तो सऊदी उसे पूरा करेगा.
उन्होंने ये भी कहा कि सऊदी अरब भारत के तेल और ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने का इच्छुक है.
"सऊदी अरामको कंपनी की इच्छा खुदरा ईंधन और पेट्रोकेमिकल्स में निवेश करना है और साथ ही भारत में कच्चे तेल भंडारण में निवेश करने की हमारी प्रतिबद्धता है."मर उजाला में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार पेट्रोल-डीजल की दरों में की गई ढाई रुपये की कटौती के बावजूद फिर से तेल की क़ीमतों में बढ़ोतरी होने पर भाजपा दिल्ली सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही है.
भाजपा किसान मोर्चा ने सोमवार को दिल्ली में प्रदर्शन किए और पांच रुपए की कटौती करने की मांग की.
अख़बार के अनुसार मोर्चा नेता मुकेश मान का कहना है कि राज्य सरकार कीमत में कटौती का लाभ उन्हें नहीं लेने दे रही.
भारत सरकार ने दस दिन पहले तेल के दामों में ढाई रुपए प्रति लीटर तक की कटौती का ऐलान किया था. लेकिन बीते दस दिनों में रोज़ बढ़ते-बढ़ते तेल के दाम फिर वहीं पहुंच गए हैं जहां से घटे थे.
भारत सरकार 271 करोड़ रुपए की लागत से भारत के सभी प्रधानमंत्रियों की यादों को सहेजने के लिए एक संग्रहालय बना रही है.
ये संग्रहालय नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम की इमारत के पास ही बन रहा है. इंडियन एक्सप्रेस
दैनिक जागरण में छपी ख़बर के अनुसार देश के उत्तर-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश में चीनी सैनिक घुसे थे.
अख़बार के अनुसार ये मामला 10 दिन पहले का है जब अरुणाचल सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का चीनी सैनिकों ने उल्लंघन किया था.
भारतीय सैनिकों के समझाने पर वो वापिस सीमा पार लौट गए थे.
की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने कहा है कि तीन मूर्ति कांप्लेक्स में बन रहा ये संग्रहालय एक साल में तैयार हो जाएगा.
शर्मा ने बताया कि इस कांप्लेक्स में 25.5 एकड़ क्षेत्र है जिसके छोटे से हिस्से में ही नेहरू म्यूज़ियम है, सरकार बची हुई जगह पर नया संग्रहालय बना रही है.

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